चीन ने चली चाल, मोदी को बीजिंग बुलाया, मोदी नहीं जाएंगे
इस सम्मेलन के जरिए चीन पूरे एशिया में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। वो सड़क, रेल और समंदर के रास्ते पर अपना कब्जा करना चाहता है।
इस सम्मेलन के जरिए चीन पूरे एशिया में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। वो सड़क, रेल और समंदर के रास्ते पर अपना कब्जा करना चाहता है।
भारत और चीन के बीच दुश्मनी बढ़ती जा रही है। इस बार भारत ने चीन को जवाब दे दिया। वन बेल्ट-वन रोड यानि ओबीओआर सम्मेलन में भारत हिस्सा नहीं लेगा । दो दिन का ये सम्मेलन बीजिंग में हो रहा है। चीन ने इस सम्मेलन में 29 देशों को न्योता दिया था। रूस के राष्ट्रपति पुतिन और फिलीपींस के राष्ट्रपति भी शामिल हो रहे हैं।
चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस सम्मेलन में शरीक होने का न्योता भेजा था, लेकिन मोदी नहीं गए। इस फैसले की वजह चीन ने ही दी है। चीन ने आतंकवाद पर पाकिस्तान का साथ दिया। भारत की कोशिश के बावजूद चीन ने मसूद अज़हर पर बैन लगाने के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र में बार-बार वीटो लगाया। पाकिस्तान से इसी जिगरी दोस्ती की वजह से चीन के बुलावे पर भारत का प्रतिनिधि शामिल नहीं हो रहा है। दूसरी तरफ चीन में सम्मेलन शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बीजिंग पहुंच गए थे।
दरअसल भारत चीन की चाल को अच्छी तरह समझ गया है। इस सम्मेलन के जरिए चीन पूरे एशिया में अपना दबदबा कायम करना चाहता है। वो सड़क, रेल और समंदर के रास्ते पर अपना कब्जा करना चाहता है। भारत ने चीन से साफ कहा कि इस OBOR की आड़ में चीन ने पाकिस्तान की मदद की है। एक रोड के नाम पर चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने जा रहा है। ये कॉरिडोर भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।